जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ग्रहों का सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर
पड़ता है। खास तौर से शनि ग्रह को लेकर हर व्यक्ति सचेत रहता है। क्योंकि
तमाम ज्योतिष शनि ग्रह से डरने की बात करते हैं। लेकिन हम आपको बता दें
कि शनि ग्रह से डरने की आवश्यकता नहीं, यह अपने अच्छे फल भी कई राशियों
पर देता है। अगर ग्रहों की वर्तमान चाल की बात करें तो न्याय के अधिष्ठाता
शनि 19 फरवरी से वक्री हो गया है। यानी एक वक्र में भ्रमण कर रहा है, जो
तुला राशि में होगा। यह 8 जुलाई 2013 तक इसी वक्र में भ्रमण करेगा। शनि की
इस चाल का प्रभाव सभी बारह राशियों पर पड़ेगा।
किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले हम आपको कुछ
महत्वपूर्ण बातें बतायेंगे शनि ग्रह के बारे में। धर्मग्रंथो के अनुसार
सूर्य की द्वितीय पत्नी के गर्भ से शनि देव का जन्म हुआ। जब शनि देव छाया
के गर्भ में थे तब छाया भगवन शंकर की भक्ति में इतनी ध्यान मग्न थीं की
उसने अपने खाने पिने तक सुध नहीं थी। जिसका प्रभाव उनके पुत्र पर पड़ा और
उसका वर्ण श्याम हो गया! शनि के श्यामवर्ण को देखकर सूर्य ने अपनी पत्नी
छाया पर आरोप लगाया की शनि मेरा पुत्र नहीं हैं! तभी से शनि अपने पुत्र से
शत्रु भाव रखता हैं!
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ज्योतिषशास्त्र में शनि को अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे
मन्दगामी, सूर्य-पुत्र और शनिश्चर आदि। शनि के नक्षत्र हैं, पुष्य, अनुराधा
और उत्तरा भाद्रपद। यह दो राशियों मकर और कुम्भ का स्वामी है। तुला राशि
में 20 अंश पर शनि परमोच्च है और मेष राशि के 20 अंश प परमनीच है। नीलम शनि
का रत्न है। शनि की तीसरी, सातवीं और दसवीं द्रिष्टि मानी जाती है। शनि
सूर्य, चन्द्र, मंगल का शत्रु, बुध,शुक्र को मित्र तथा गुरु को सम मानता
है।
8 जुलाई तक शनि के राशियों पर प्रभाव
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